300 से भी अधिक दिव्यांगों का परिचय सम्मेलन
स्टार बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज
इन्दौर। दिव्यांगों के क्षेत्र में सेवाकार्य करने वाली सामाजिक संस्था कृतिम अंग केन्द्र ने रविवार 5 जनवरी को दिव्यांगों का परिचय सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें प्रदेश के करीब 300 से भी अधिक दिव्यांग परिवारों ने इस आयोजन में शामिल होकर स्टॉर बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में संस्था का नाम दर्ज करवाया। आयोजक विनय जैन ने बताया कि दिव्यांगों के लिए भी पारिवारिक जीवन होना अनिवार्य है, क्योंकि पारिवारिक जीवन होने से उनमें जीने की शक्ति और अधिक उत्पन्न होती है, इस हेतु संस्था ने निर्णय लिया कि करीब 100 दिव्यांगों का रजिस्ट्रेशन कर उन्हें आपस में मिलाया जाए और उनके वैवाहिक जीवन को उसमें तराशा जाए।
विनय जैन ने बताया कि रजिस्ट्रेशन का सिलसिला इतना जबरजस्त रहा कि शाम होते-होते करीब 300 से भी अधिक रजिस्ट्रेशन होकर आपस में एक-दूसरे में अपना वैवाहिक जीवन चयन किया जिसमें 11 जोड़े फाईनल हो गए हैं। जल्द ही इनके विवाह का दिन तय किया जाएगा। आयोजन में केकेसी मैत्री क्लब के संरक्षक स्व. अजय तिवारी की 51वीं जयंती पर 51 दिव्यांगों को इलेक्ट्रानिक उपकरण उपहार स्वरूप प्रदान किए गए। अजय तिवारी की र्धपत्नी श्रीमती रश्मि तिवारी , बेटा- आकाश, सागर, आरती एवं परिवार के अन्य सदस्यों ने वहाँ आकर दिव्यांगों के साथ करीब 2 घण्टे तक रहकर उनकी भावनाओं को समझकर उन्हें हर संभव मदद करने की कोशिश की। साथ ही समाजसेवी श्री राजेश विजयवर्गीय, राकेश खंडेलवाल, रोहित तिवारी, विशाल तिवारी, रजनी पांडे, प्रतिभा तिवारी, दीपक शा ी, संजीता विजयवर्गीय, रचना खंडेलवाल, अनिता शा ी, रश्मि तिवारी, जया तिवारी, संध्या तिवारी, पूजा तिवारी, सोनिया तिवारी, अरुणा तिवारी, विम्मी तिवारी, पियुष तिवारी, रक्षित तिवारी, रजनी तिवारी, सरला तिवारी, राजकुमार पांडे, संतोष पांडे ने भी आकर परिचय सम्मेलन में नवयुगल जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान किया।
इस आयोजन को स्टॉर बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया। इस प्रकार का यह अनूठा आयोजन है जो कदाचित अभी तक प्रदेश में कहीं भी आयोजित नहीं हुआ है। स्टॉर बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड के हेड दीपक पाठक एवं रश्मि तिवारी ने आयोजक विनय जैन को सर्टिफिकेट प्रदान किया।
इस आयोजन में केकेसी मैत्री क्लब के गायक कलाकारों ने एक से बढ़कर एक गानों की प्रस्तुतियां दी, जिसमें दिव्यांगों ने भी अपनी-अपनी पसंद के गीत सुनाए। अंत में आभार विनय जैन ने माना।